UP Outsourcing News: उत्तर प्रदेश में सरकारी विभागों में काम करने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने हाल ही में ‘उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम’ (Uttar Pradesh Outsourcing Service Corporation) के गठन का शासनादेश जारी कर दिया है।
यह कदम आउटसोर्सिंग सिस्टम को ज्यादा पारदर्शी और कर्मचारी-अनुकूल बनाने की दिशा में उठाया गया है। अब कर्मचारियों को न्यूनतम 20 हजार रुपये से लेकर अधिकतम 40 हजार रुपये तक का मासिक मानदेय मिलेगा, साथ ही EPF, ESI जैसी सुविधाएं भी सुनिश्चित की जाएंगी। आइए, इस नई व्यवस्था की पूरी डिटेल्स पर नजर डालते हैं।

UP Outsourcing निगम के गठन का उद्देश्य
उत्तर प्रदेश में करीब 11 लाख से ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारी विभिन्न विभागों में काम कर रहे हैं। पहले ये भर्तियां प्राइवेट एजेंसियों के जरिए होती थीं, जहां अक्सर कम वेतन, सामाजिक सुरक्षा की कमी और शोषण की शिकायतें आती थीं।
इसी को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट ने 2 सितंबर 2025 को निगम के गठन को मंजूरी दी थी। अब शासनादेश जारी होने के बाद यह निगम कंपनीज एक्ट 2013 के तहत एक नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन के रूप में काम करेगा।
तय हुआ मानदेय और श्रेणियां
शासनादेश में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए चार श्रेणियां बनाई गई हैं, जो उनके पद, योग्यता और जिम्मेदारियों पर आधारित हैं:
- श्रेणी 1 (अधिकतम 40,000 रुपये) चिकित्सक, लेक्चरर, प्रोजेक्ट ऑफिसर, एकाउंट ऑफिसर आदि। योग्यता: MBBS, पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री आदि।
- श्रेणी 2 (25,000 रुपये) सीनियर एकाउंटेंट, सीनियर असिस्टेंट, स्टाफ नर्स, ट्रांसलेटर आदि। योग्यता: संबंधित विषय में ग्रेजुएट/पोस्ट ग्रेजुएट, B.Ed, LLB या डिप्लोमा।
- श्रेणी 3 (22,000 रुपये) जूनियर असिस्टेंट, जूनियर स्टेनोग्राफर, फोटोग्राफर, पैरामेडिकल स्टाफ। योग्यता: ग्रेजुएट, इंटरमीडिएट और कंप्यूटर सर्टिफिकेट (पद अनुसार)।
- श्रेणी 4 (20,000 रुपये) लिफ्ट ऑपरेटर, अनुसेवक, स्टोर असिस्टेंट, राजमिस्त्री आदि। योग्यता: 8वीं या 10वीं पास।
यह मानदेय न्यूनतम वेतन के रूप में तय किया गया है, जो पहले की तुलना में काफी बेहतर है। अनुबंध 3 साल का होगा, जिसका नवीनीकरण संभव है।
भर्ती प्रक्रिया और वरीयताएं
अब भर्तियां निगम के जरिए होंगी, जहां लिखित परीक्षा अनिवार्य होगी। तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए इंटरव्यू नहीं लिया जाएगा, जबकि अन्य पदों के लिए साक्षात्कार होगा। आरक्षण के नियमों का सख्ती से पालन किया जाएगा।
- स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता।
- विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को विशेष लाभ।
- महिलाओं को मातृत्व अवकाश।
- सभी कर्मचारियों को EPF, ESI, दुर्घटना बीमा और मृत्यु पर 15,000 रुपये की अंतिम संस्कार सहायता।
UP के आउटसोर्सिंग सिस्टम में एक बड़ा बदलाव
यह निगम UP के आउटसोर्सिंग सिस्टम में एक बड़ा बदलाव लाएगा। पहले जहां प्राइवेट एजेंसियां मनमानी करती थीं, अब निगम GeM पोर्टल के जरिए एजेंसियों का चयन करेगा। इससे न केवल कर्मचारियों के अधिकार मजबूत होंगे, बल्कि सरकारी कामकाज में दक्षता भी बढ़ेगी।
योगी सरकार का यह कदम युवाओं के लिए नए रोजगार के दरवाजे खोलेगा और शोषण की पुरानी समस्या को जड़ से खत्म करने की कोशिश है। यह बदलाव निश्चित रूप से UP में रोजगार के क्षेत्र को मजबूत बनाएगा।
इसे भी पढ़ें: 25 सितंबर से शुरू होंगे रजिस्ट्रेशन, महिलाओं को मिलेगी ₹2100 की पहली किस्त