TET Latest News: उत्तर प्रदेश में लाखों शिक्षकों की नींद उड़ी हुई थी, जब सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में TET (Teacher Eligibility Test) को इन-सर्विस टीचर्स के लिए भी अनिवार्य कर दिया। लेकिन अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ऐसा फैसला लिया है, जो इन शिक्षकों की चिंता को दूर करने का काम करेगा। आइए जानते हैं पूरी कहानी, स्टेप बाय स्टेप।
टीचर्स डे से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसा फैसला सुनाया है, जो देश भर के लाखों शिक्षकों के लिए गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है। 1 सितंबर 2025 को जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने स्पष्ट कहा कि कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों के लिए टीईटी (Teachers Eligibility Test) पास करना अब अनिवार्य हो गया है।
चाहे नई नौकरी हो या पुरानी सेवा में प्रमोशन, बिना TET के कोई दावा नहीं चलेगा। लेकिन क्या यह फैसला शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाएगा या पुराने शिक्षकों के अनुभव को नजरअंदाज कर देगा? आइए, इस पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

सुप्रीम कोर्ट का क्या था आदेश?
सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिनों पहले ही एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया कि क्लास 1 से 8 तक पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों को TET पास करना जरूरी है – चाहे वे पहले से नौकरी कर रहे हों या नए हों। यह नियम NCTE (National Council for Teacher Education) के गाइडलाइंस पर आधारित है। कोर्ट का मानना है कि इससे शिक्षा की क्वालिटी बेहतर होगी।
लेकिन इस फैसले से उत्तर प्रदेश में करीब 2-3 लाख टीचर्स प्रभावित हो सकते हैं, जो बिना TET पास किए सरकारी, एडेड या प्राइवेट स्कूलों में काम कर रहे हैं। अगर वे TET क्लियर नहीं करते, तो उनकी जॉब खतरे में पड़ सकती है। इस फैसले के बाद से शिक्षक संगठनों में हलचल मच गई और कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी हुए।
लाखों शिक्षकों की चिंता कैसे बनी मुद्दा?
उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में, जहां शिक्षा व्यवस्था पहले से ही चुनौतियों से जूझ रही है, यह फैसला एक बड़ा झटका साबित हो रहा था। कई टीचर्स सालों से सेवा दे रहे हैं, लेकिन TET का नियम बाद में आया। ऐसे में, उन्हें अचानक परीक्षा देने का दबाव पड़ गया। शिक्षक यूनियंस ने सरकार से अपील की कि पुराने टीचर्स को छूट दी जाए, क्योंकि इससे स्कूलों में टीचर शॉर्टेज हो सकती है और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी। इस मुद्दे ने सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा बटोरी, जहां टीचर्स अपनी कहानियां शेयर कर रहे थे।
CM योगी का प्लान: रिव्यू पिटीशन दाखिल करने का निर्देश
अब अच्छी खबर! मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 16 सितंबर 2025 को बेसिक एजुकेशन डिपार्टमेंट को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रिव्यू पिटीशन दाखिल करने का निर्देश दिया है। सीएम ऑफिस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह कदम लाखों शिक्षकों की नौकरी बचाने और उनकी चिंता दूर करने के लिए उठाया जा रहा है। अगर रिव्यू पिटीशन स्वीकार हो जाती है, तो इन-सर्विस टीचर्स को TET से छूट मिल सकती है या नियमों में कुछ राहत दी जा सकती है। योगी सरकार पहले भी शिक्षकों के हित में कई स्कीम्स चला चुकी है, जैसे सैलरी बढ़ोतरी और ट्रेनिंग प्रोग्राम्स, और यह कदम उसी दिशा में है।
क्या होगा आगे?
अभी रिव्यू पिटीशन दाखिल होने का इंतजार है, जो जल्द ही हो सकती है। अगर कोर्ट इसे मान लेता है, तो उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग को बड़ी राहत मिलेगी। लेकिन अगर नहीं, तो सरकार को वैकल्पिक प्लान जैसे स्पेशल TET एग्जाम या ट्रेनिंग पर विचार करना पड़ सकता है। शिक्षकों को सलाह है कि वे अपडेट्स के लिए ऑफिशियल वेबसाइट्स चेक करते रहें।
यह फैसला न सिर्फ UP बल्कि पूरे देश के टीचर्स के लिए महत्वपूर्ण है। अगर आप एक शिक्षक हैं या इससे जुड़े हैं, तो अपनी राय कमेंट्स में शेयर करें। शिक्षा में सुधार जरूरी है, लेकिन पुराने कर्मचारियों की सुरक्षा भी उतनी ही अहम।